समय सांझ का
सुंदर दृश्य !
एक वृद्ध टहलते
घर की ओर लौटते …
वृद्ध की उंगलियां थामे
नन्हा पोता चल रहा है
कौन-किसे सहारा दे रहा है
इसी सवाल में उलझा
सूरज ढल रहा है।
————–( शुचि मिश्रा, जौनपुर ) ———————-
Poetry/ Writer, Jaunpur (U.P)
समय सांझ का
सुंदर दृश्य !
एक वृद्ध टहलते
घर की ओर लौटते …
वृद्ध की उंगलियां थामे
नन्हा पोता चल रहा है
कौन-किसे सहारा दे रहा है
इसी सवाल में उलझा
सूरज ढल रहा है।
————–( शुचि मिश्रा, जौनपुर ) ———————-