मौन प्रीत – गैब्रिएला मिस्त्राल | अनुवाद : शुचि मिश्रा | ShuchiMishraJaunpur

मुझमें वितृष्णा होती तो मैंनेनफ़रत की होती आपसेबारहा लफ़्ज़ों के जरिएज़रूरी तौर पर भीकिंतु मुझे प्यार है आपसेऔर मेरे प्यार…

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