स्टीफन हॉकिंग ने कहा और सुना सारी दुनिया ने : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

स्टीफन हॉकिंग ने कहाऔर सुना सारी दुनिया ने जी हां, स्टीफन हॉकिंग ने कहाअपनी ऐसी जुबान सेजो बुदबुदा सकती थी…

लय के साथ : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

स्मृति की टोह लीयाद किया बचपनघर-आँगन, नीम का पेड़पनघट, गौशाला, खेत-मेड़पगडंडी, रंग-अबीरबसंत, वटवृक्ष, नदी-तीर याद किया एक सादा जीवनआंखों की…

हर मुमकिन कोशिश के बावजूद : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

खिड़की के बाहरझाँकती है फूल सी बच्चीबाहर झाँकते हैंउसके सपने कभी भी बंद हो सकते हैंखिड़की के पट द्वार खुलना…

तुम्हारे साथ : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

साथ-साथ, सात-सातआसमान, लोक, समुद्र, द्वीप,सुर, छंद और जनम तुम्हारे साथसारी खुशियाँ, सारे ग़म तुम्हारे साथतमाम दुर्गम रास्ते-पठारनर्म दूब भरे मैदान…

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