स्टीफन हॉकिंग ने कहा और सुना सारी दुनिया ने : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

स्टीफन हॉकिंग ने कहाऔर सुना सारी दुनिया ने जी हां, स्टीफन हॉकिंग ने कहाअपनी ऐसी जुबान सेजो बुदबुदा सकती थी…

लय के साथ : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

स्मृति की टोह लीयाद किया बचपनघर-आँगन, नीम का पेड़पनघट, गौशाला, खेत-मेड़पगडंडी, रंग-अबीरबसंत, वटवृक्ष, नदी-तीर याद किया एक सादा जीवनआंखों की…

तुम्हारे साथ : शुचि मिश्रा | कविता | ShuchiMishraJaunpur

साथ-साथ, सात-सातआसमान, लोक, समुद्र, द्वीप,सुर, छंद और जनम तुम्हारे साथसारी खुशियाँ, सारे ग़म तुम्हारे साथतमाम दुर्गम रास्ते-पठारनर्म दूब भरे मैदान…

मैं तेरे प्यार में क्या-क्या बनी हूँ : शुचि मिश्रा | ग़ज़ल | ShuchiMishraJaunpur

कभी क़तरा, कभी नदिया बनी हूँमैं तेरे प्यार में क्या-क्या बनी हूँ ये तेरे वास्ते दुनियाँ नहीं थीमैं तेरे वास्ते…

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