मैं तेरे प्यार में क्या-क्या बनी हूँ : शुचि मिश्रा | ग़ज़ल | ShuchiMishraJaunpur
कभी क़तरा, कभी नदिया बनी हूँमैं तेरे प्यार में क्या-क्या बनी हूँ ये तेरे वास्ते दुनियाँ नहीं थीमैं तेरे वास्ते…
Poetry/ Writer, Jaunpur (U.P)
कभी क़तरा, कभी नदिया बनी हूँमैं तेरे प्यार में क्या-क्या बनी हूँ ये तेरे वास्ते दुनियाँ नहीं थीमैं तेरे वास्ते…